परेशान
पिता
परेशान हैं
क्यूंकि
हम परेशान हैं
हम
परेशान हैं
क्यूंकि लोग परेशान हैं
लोग
परेशान है
क्यूंकि महकमे परेशान हैं
महकमे
परेशान हैं
क्यूंकि सरकार परेशान है
सरकार
परेशान है
क्यूंकि वायदा बाजार परेशान है
बाज़ार
परेशान है
क्यूंकि
ठग परेशान हैं
ठग
परेशान है क्यूंकि
भूमंडल
का देवता परेशान है
देवता
परेशान है
क्यूंकि
उससे दुनिया परेशान है
दुनिया
परेशान है
क्यूंकि
हमारे पिता परेशान हैं
तुम्हारी इच्छा के विरुद्ध
तुम्हारी
इच्छा के विरुद्ध
जो
राजा था, राजा
रहते हुए मरा
आज
तुम्हारी
इच्छा के विरुद्ध
वो
भूखा ही जिया भूखा मरा
आज
तुम्हारी
इच्छा के विरुद्ध
जन-मिलीशिया ने हमला किया
आज
तुम्हारी
इच्छा के विरूद्ध
उपजाऊ
जमीनों को बेचा गया
आज
तुम्हारी
इच्छा के विरूद्ध
युद्ध जारी
है
आज
तुम्हारी
इच्छा के विरुद्ध
देखो, अब
किसकी बारी है.
.
इसको हल करने का सूत्र बताओ
पहले
श्याम
बेनेगल आये या एके हंगल
ये
सवाल वेवजह हो सकता है
मगर
पहले
बदहाली आयी फिर भुखमरी और तब तरक्की
या
पहले तरक्की आई फिर भूख और तब महामारी
इसको
हल करने का सूत्र बताओ
फिर उस
सूत्र से हल सुझाओ.
पूछते-पूछते
ये सवाल इतना बड़ा हो गया
कि इसे
पहले ले जाया गया मरने वाले के पेट में
फिर
पोस्टमार्टम के आखेट में
फिर वो
अस्पताल से थाणे और
थाणे
से न्यायालय ले जाया गया
जहाँ
पंचनामें की तफतीस का ब्योरा देख
फैसला
सुरक्षित रख लिया गया
शवदाहगृह
में रखी लाश पर चस्पा सूचना के मुताबिक़
उसके
बदन में खून की कमी पाई गयी
रोटी
का एक टुकड़ा पेट में पत्थर बन चुका था
आँतों
में सालन अरसे से गला नहीं था
(नसों
के तनाव से मालूम हुआ वो हादसे का शिकार नहीं बल्कि
इरादतन
मारा गया था) जो लिखा नहीं गया
लोगों
के बीच चर्चा बनी रही जिस समय वो नहीं रहा
उसकी
जीभ में सरकार के विरुद्ध कैक्टस उग आये थे
मुट्ठियों
में जम्हूरियत का गीला लोंदा कसा था
जब उसे
लेने कोई नहीं आया
उसके
खिलाफ़ तमाम अपराध दर्ज हुए
मसलन
वो देशद्रोह का भागी था
उसकी
गाँठ में एक अखबार का टुकड़ा मिला
जिसमें
तम्बाकू के साथ नक्सलवाद का जिक्र था
उसका
रंग और हड्डियाँ इस बात की पुष्टि थीं
कि वो
जंगल का निवासी है
सरकारी
वकील की अपील फिर आयी
फैसला
सार्वजनिक किया गया
वो लाश
अब
राष्ट्र
का घिनौना चेहरा बन चुकी है
आतंकी
होने की मुहर लग चुकी है.
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