समंदर का तिलिस्म औ’ चिड़िया की परवाज़
चिड़िया कहती है
समंदर तुम्हारा तिलिस्म तो बहुत बड़ा है
तुम सारा खेल रचते हो
सारी कायनात, अपने में बिखेर लेते हो
लेकिन,
मैं
तिलिस्म में नहीं
जीवन
में विश्वास करती हूँ
न तो मैं चमकीली रेत पर बैठकर
तुम्हारे
लिए शान्ति-गीत गा सकती हूँ
न ही तुम्हारी लहरों पर एक अनंत यात्रा के
ख़्वाब देखती हूँ
और न ही,
समंदर
और आसमान के बीच
त्रिशंकु
की तरह
फंसी
रह सकती हूँ
मुझे अपनी मंजिल का पता नहीं
मगर ये जानती हूँ,
जीवन
को जीवन से काटकर
अपने
पंखों पर समेटकर
तुम्हें
ले नहीं जा सकती.
क्योंकि,
जीवन
में मेरा भरोसा गहरा है
मैं
इसके खिलाफ कैसे हो जाऊं?
तुम्हारे लिए,
तुम्हारी मछली,
तुम्हारी रेत,
तुम्हारी वनस्पतियाँ
तल में असंख्य जीव-जन्तु,
उन सबका क्या?
जीवन में,
चिड़िया का गहरा विश्वास
तिलिस्म के विरुद्ध है.
आखिर कौन है जो
चिड़िया हंसती है तो
समंदर ख़ुशी से झूम उठता है
समंदर की मुस्कुराहट
चिड़िया की सरगम है
औ’ चिड़िया की मुस्कुराहट
समंदर की ताकत
औ’
समंदर की हंसी
चिड़िया की परवाज़
दोनों की मुस्कुराहटों से
समंदर और आसमान
आसमान और समंदर के बीच
नीले फूल खिल-खिल उठे हैं.
आसमान से नीले फूलों की बारिश हो रही है
औ’ समंदर नीले फूलों से भर गया है
तट दहक उठा है
मोरपंखी रंग के नील फूलों से
चित्रकार,
आखिर
कौन है जो
समंदर और चिड़िया के बीच
सुन्दरतम को रच रहा है
आखिर कौन है जो
समंदर और चिड़िया के शून्य को
नील-फूल की घाटी में
बदल देना चाहता है.
आखिर कौन है
चिड़िया और समंदर
समंदर और चिड़िया के बीच
जो नील पुष्प घाटी को
कैक्टस के जंगल में बदल रहा है.
लव विथ ट्रेजेडी: ट्रेजेडी विथ लव
चिड़िया ने
जीवन
का सुन्दरतम
प्रेम
में चाहा था
पर,
जीवन का त्रासद प्रेम के बाहर
कैसे संभव है!
कौन बचा है अब तक इससे
कायनात के इतिहास में.
कहो चित्रकार,
यह प्रकृति का रहस्य है
या
जीवन का श्राप
जो, खूबसूरत, पवित्र, निश्छल आत्माओं को
मौत की खूबसूरत शक्लों में
कैद कर लेती है.
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
घट रही घटनाओं के बरक्श
रचना है हमें लाल सूरज.
तुम्हारे और
मेरे दरम्यान
भयानक
त्रासदियों के बरक्श
खिलाना
है हमें आकाश
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
उग
आई कैक्टसों के बरक्श
उगाने
होंगे हमें सुर्ख गुलाब
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
शून्य
बनती स्थिति के बरक्श
बनाने
होंगे हमें जीवन के नये समीकरण
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
उठते
भँवर के बरक्श
खिलाने
होंगे हमें पलाश
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
बनते
खार रेगिस्तान के बरक्श
बनाने
होंगे हमें ही समंदर
तुम्हारे और मेरे दरम्यान
बन
आई चट्टानों के बरक्श
बहाने
होंगे हमें ही दरिया कुसुम.
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