Photo Credits : Ishan Marvel |
दया करो
हमें हमेशा कहा जाता है
की दूसरे के नज़रिये को समझो
चाहे वह कितना ही पुराना,
बेवकूफ़ाना, या बेहूदा क्यों ना हो
कहा जाता है
कि हम उनकी सारी ग़लतियों और
विफल जीवन को
दया से देखें,
ख़ासकर
जब उनकी उम्र हो जाए
लेकिन उम्र तो सब
अपना किया है
उन पर जमी नहीं
क्योंकि लापरवाही से जिए हैं वो
दृष्टि को धिक्काराते हुए
उनकी गलती नहीं?
फ़िर किसकी है?
मेरी?
मुझे अपना नज़रिया
दबाने को कहा जाता है,
उनके डर के डर को लेकर
उम्र कोई जुर्म नहीं,
लेकिन इतनी सारी
ज़बरदस्ती बर्बाद की गयी
ज़िंदगियों के बीच
वैसी ही एक और
ज़िन्दगी का कलंक
जुर्म है
Be Kind
we are always asked
to understand the other person's
viewpoint
no matter how
out-dated
foolish or
obnoxious.
one is asked
to view
their total error
their life-waste
with
kindliness,
especially if they are
aged.
but age is the total of
our doing.
they have aged
badly
because they have
lived
out of focus,
they have refused to
see.
not their fault?
whose fault?
mine?
I am asked to hide
my viewpoint
from them
for fear of their
fear.
age is no crime
but the shame
of a deliberately
wasted
life
among so many
deliberately
wasted
lives
is.
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